Posted on City ग्रामीण महिलाओं के लिए सामूहिक स्वरोजगार सदस्यता
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नारी शक्ति केंद्र के अंतर्गत आजीविका विशेष सर्वेक्षण अभियान ग्रामीण और पंचायत स्तर पर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से चलाया जा सकता है। इस अभियान की योजना और कार्यान्वयन निम्नलिखित चरणों में किया जा सकता है: 1. अभियान का उद्देश्य ग्रामीण और पंचायत स्तर पर महिलाओं के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना। महिलाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसरों की पहचान। आजीविका और कौशल विकास से संबंधित आवश्यकताओं का विश्लेषण। 2. सर्वेक्षण की रणनीति (क) सर्वेक्षण टीम का गठन: ग्रामीण महिला मित्रा और मानव अधिकार संरक्षण सखी को इस कार्य में सम्मिलित करें। प्रत्येक पंचायत में सर्वेक्षण टीम का गठन। (ख) डेटा संग्रह के क्षेत्र: महिलाओं की वर्तमान स्थिति: शिक्षा स्तर। आजीविका के मौजूदा साधन। स्वरोजगार में रुचि। आर्थिक स्थिति: वार्षिक आय। बैंक खाता और बचत योजना की जानकारी। सरकारी योजनाओं का लाभ: महिलाओं को लाभान्वित योजनाएं। आगे की जरूरतें। 3. सर्वेक्षण की प्रक्रिया प्रारंभिक बैठकें: गांवों और पंचायत स्तर पर जागरूकता बैठकों का आयोजन। सर्वेक्षण उपकरण: प्रश्नावली और डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग। डोर-टू-डोर सर्वेक्षण: घर-घर जाकर जानकारी एकत्र करना। 4. सर्वेक्षण परिणामों का विश्लेषण महिलाओं की आवश्यकताओं को प्राथमिकता देना। कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम और स्वरोजगार योजनाओं की रूपरेखा तैयार करना। 5. विशेष योजनाओं का संचालन स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण: गृह उद्योग (जैसे सिलाई, बुनाई, कढ़ाई, मशरूम उत्पादन)। डिजिटल कौशल और कंप्यूटर प्रशिक्षण। आर्थिक सहायता: लघु बचत योजना और महिलाओं को सहकारी समूहों से जोड़ना। 6. संपर्क और प्रचार पंचायत भवन और सामुदायिक केंद्रों पर शिविर आयोजित करना। स्थानीय स्वयंसेवकों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद। 7. फॉलो-अप और निगरानी नियमित रूप से पंचायत स्तर पर बैठकों का आयोजन। महिलाओं के लिए रोजगार सृजन योजनाओं की सफलता का मूल्यांकन। आपके संगठन द्वारा इसे प्रभावी रूप से लागू करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और उचित मानिटरिंग सिस्टम विकसित करना उपयोगी होगा।
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नारी शक्ति केंद्र का उद्देश्य शांति ग्रामीण विकास ट्रस्ट समिति द्वारा संचालित नारी शक्ति केंद्र महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक समग्र मंच प्रदान करता है। यह केंद्र महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक और स्वास्थ्य संबंधी सशक्तिकरण के अवसर उपलब्ध कराकर उनके जीवन को सकारात्मक रूप से बदलने के लिए प्रतिबद्ध है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए योजनाएं 1. कौशल विकास एवं स्वरोजगार प्रशिक्षण योजना: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न व्यावसायिक और तकनीकी प्रशिक्षण दिए जाएंगे, जैसे: सिलाई-कढ़ाई और बुनाई प्रशिक्षण। ब्यूटी पार्लर और मेकअप आर्टिस्ट कोर्स। कंप्यूटर और डिजिटल मार्केटिंग का प्रशिक्षण। हस्तशिल्प और घरेलू उद्योगों (जैसे अगरबत्ती, मोमबत्ती, और अचार निर्माण) का प्रशिक्षण। ऑर्गेनिक खेती और पशुपालन। 2. गृह उद्योग प्रोत्साहन योजना: महिलाओं को लघु और कुटीर उद्योग शुरू करने के लिए प्रेरित करना। उन्हें सूक्ष्म वित्त (Microfinance) और बैंक लोन की सहायता दिलाना। तैयार उत्पादों के विपणन (Marketing) और बिक्री में सहयोग। 3. समूह आधारित स्वरोजगार योजना (Self-Help Groups - SHG): स्वयं सहायता समूह (SHG) के माध्यम से महिलाओं को एकजुट कर उनके लिए छोटे व्यवसाय शुरू करना। समूहों को वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करना। समूह आधारित व्यवसाय जैसे डेयरी, सब्जी उत्पादन, और सिलाई इकाइयों को प्रोत्साहित करना। 4. डिजिटल सशक्तिकरण योजना: महिलाओं को डिजिटल उपकरणों जैसे कंप्यूटर, मोबाइल, और इंटरनेट का उपयोग करना सिखाना। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से उत्पाद बेचने और डिजिटल बैंकिंग का प्रशिक्षण। 5. महिला उद्यमिता विकास योजना: इच्छुक महिलाओं को उद्यमिता (Entrepreneurship) में प्रशिक्षित करना। महिलाओं को उनके व्यवसाय के लिए योजनाएं तैयार करने और सरकारी सहायता प्राप्त करने में मार्गदर्शन देना। 6. बेटियां शगुन योजना: बेटियों की शिक्षा और विवाह के लिए आर्थिक सहायता। बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन और उनके उज्जवल भविष्य की योजना। 7. आर्थिक सुरक्षा और बचत योजना: लघु बचत योजना (Laghu Bachat Yojana): महिलाओं को नियमित बचत के लिए प्रोत्साहित करना। सामूहिक निधि योजना: समूह के माध्यम से वित्तीय मदद। पेंशन और वृद्ध सम्मान योजना: वृद्ध महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा। उद्देश्य आधारित योजना का प्रभाव: 1. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर उनकी आय में वृद्धि। 2. रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसरों का निर्माण। 3. महिलाओं में आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता का विकास। 4. परिवार और समाज में महिलाओं की स्थिति में सुधार। निष्कर्ष: शांति ग्रामीण विकास ट्रस्ट समिति का नारी शक्ति केंद्र महिलाओं को उनके पैरों पर खड़ा करने और उन्हें एक सशक्त पहचान देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह योजनाएं न केवल उनके आर्थिक विकास में सहायक होंगी, बल्कि उन्हें सामाजिक और मानसिक रूप से भी सशक्त बनाएंगी।
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केंद्रीय आजीविका काउंसलिंग 2024-25 का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके कौशल को विकसित कर उनके जीवनस्तर को ऊंचा उठाना है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से युवाओं, महिलाओं और कमजोर वर्गों के लिए डिज़ाइन किया गया है। कार्यक्रम के मुख्य बिंदु: 1. कौशल प्रशिक्षण विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण जैसे भूमि सर्वेक्षण, गृह उद्योग, पशुपालन, कंप्यूटर प्रशिक्षण, और स्वरोज़गार। प्रशिक्षण कार्यक्रम 90 दिनों और 180 दिनों की अवधि के साथ उपलब्ध हैं। 2. आजीविका योजनाएं गृह उद्योग योजना बेटियां शगुन योजना पशु सम्मान निधि योजना लघु बचत योजना वृद्ध सम्मान निधि योजना 3. लाभार्थी कैसे बनें: योजनाओं का लाभ उठाने के लिए ₹1500 का आजीवन सदस्यता शुल्क। सदस्यता के तीन वर्ष बाद किसी भी योजना का लाभ उठाया जा सकता है। 4. पार्टनरशिप अवसर यदि आप अपना प्रशिक्षण केंद्र खोलना चाहते हैं, तो आप ₹25000 के पंजीकरण शुल्क के साथ संगठन से जुड़ सकते हैं। 5. काउंसलिंग सेवाएं बेरोज़गार युवाओं और महिलाओं को उनके लिए उपयुक्त योजनाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में परामर्श। स्वरोज़गार और सरकारी योजनाओं से जुड़ने का मार्गदर्शन। महत्वपूर्ण तिथियां: आवेदन प्रक्रिया: जल्द ही आरंभ होगी। अधिक जानकारी के लिए sgvts.co.in और sgvns.org पर संपर्क करें। संपर्क करें: शांति ग्रामीण विकास ट्रस्ट समिति Sirsiya Kamargama, Madhepura District, Bihar – 852128 इस कार्यक्रम का लक्ष्य समाज के प्रत्येक वर्ग को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाना है।